"संकल्प"
"मैं अपने अंतर्मन से संकल्प लेता हूँ कि जिस कार्य हेतु मैं अपने स्वज़नों से दूर यहाँ उपस्थित हूँ, उसे प्राप्त करने के लिए अपने गुरुजनों की आज्ञनुसार "हर क्षण" अपने कर्म के प्रति प्रतिबद्ध रहूँगा| मैं अपने लक्ष्य जिसमें मेरी, मेरे गुरुजनों, परिजनों, व स्वज़नों की प्रतिष्ठा एवम प्रसन्नता निहित हैं, को प्राप्त करने के लिए द्रढ प्रतिग्य हूँ||"
प्रार्थी - अनुराग "अनुKरण" मालू
****** [इस संकल्प की मर्यादा का ध्यान रखना मेरे लिए हर एक कदम पर उतना ही ज़रूरी हैं, जितना की मेरे लिए "मेरे लक्ष्य" तक पहुँचना || मैं अपनी तरफ से हर-संभव प्रयत्न करूँगा, और अपने लक्ष्य को प्राप्त करके ही दूं लूँगा || जय हो|| जय हो||]******
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